सावंरा

सावरें की सूरत है सबसे सुहानी,नज़र भर के उसकी सूरत को देखो
प्रेम मेरा पावन, प्रियतम है प्यारा,दिल मे बसी उसकी मूरत तो देखो


चेहरे पे जैसे है सूरज की लाली
होंठो ने बंसी की मीठी तान है सुनाई
सांवली ये सूरत है कान्हा की मेरे
आँखों मे है जिसके ये दुनिया समाई
आंखें बंद करके झांका जो मैंने कान्हा कितना है खूबसूरत तो देखो
सावरें की सूरत है सबसे सुहानी,नज़र भर के उसकी सूरत को देखो



पैरो की पैजनी पल पल है बजती
घुघरू जो खनके तो यमुना है मचले
मुस्कान मोहन चांदनी सी बिखरी
आंखे जब खोले तो सूरज है निकले
दर्शन देदो फ़रियाद ये है मेरी, मुझे तेरे दर्शन की कितनी है जरूरत तो देखो
सावरें की सूरत है सबसे सुहानी,नज़र भर के उसकी सूरत को देखो



मोहन की मोहनी मुस्कान मारे
गोपियों की धड़कन रह रह के धड़के
अहीर के छोरे पे पागल है गोपी
माखन की गगरी भी रखती है भरके
निधिवन में गोपियों संग लीला रचाये,इनके        प्रेम की ताकत तो देखो
सावरें की सूरत है सबसे सुहानी,नज़र भर के उसकी सूरत को देखो



लगी जो लगन लीलाधर से मेरी
प्रति पल करता हूँ प्रीयतम की पूजा
जितना है सुंदर कन्हैया ये मेरा
उतना नही कोई इस जहाँ में है दूजा
बाललीला से बावरें ब्रम्हा बने,तुम ये हसीन 
मुहूरत तो देखो
सावरें की सूरत है सबसे सुहानी,नज़र भर के उसकी सूरत को देखो



मोर मुकुट है मनमोहन के माथे
कमर की ये करधन

जिसने भी सुना खिचा ही आया,बंसी के धुन      की मधुरत तो देखो
सावरें की सूरत है सबसे सुहानी,नज़र भर के उसकी सूरत को देखो

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