तुम्हारे जाने के बाद
ना जाने तुम्हारे बाद ये मौसम कैसा होगा
बेरूखी इसके मिज़ाज़ में आएंगी या पहले जैसा होगा
अब भी कलियाँ गाएंगी मेरे बागवानो की
अब भी भवरें मुस्काएँगे या अब नही कुछ वैसा होगा
दिन हो या रात मैं बस यही सोचता हूँ
मेरा सनम जो सपनो में आता है वो सच मे कैसा होगा
कोई पूछो हा कोई तो खबर लगाओ
की जैसी कलियाँ दिखती है, वो बिल्कुल ऐसा होगा
उसकी आंखें झील सी गहरी होंगी
आंखों में काजल चेहरे पे उड़ती जल्फो का रेशा होगा
उसके गालों पर सूरज सी लाली
और उसके इस चेहरे का नूर बिल्कुल परियों सा होगा
तुम जो आज चली जाओगी
आंशू तो सूख जाएंगे, पर जाने का दर्द हमेशा होगा
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