आपका गुलाम

दिल  मेरा बस आपकी नजर का गुलाम है साहेब
मोहब्बत में हमारा तो  बस यही मुकाम है साहेब
किस किस से छुपाऊ मैं अपनी बर्बादी के किस्से
इसकी चर्चा यहां गली गली में सरेआम है साहेब

पागल, प्रेमी, आवारा, आशिक, मजनू, दीवाना
मोहब्बत में हमारे न जाने कितने नाम है साहेब
इल्तेज़ा सिफारिश मिन्नत खुशामद  और वफ़ा
मोहब्बत में हमे नही कोई और  काम है साहेब
इसकी चर्चा यहां गली गली में सरेआम है साहेब

ये सारा शहर आपकी मस्तानी नज़रो से घायल है
क्या बादशाह  क्या फकीर सभी इसके कायल है
सिर्फ हम ही नही शामिल है,  इसकी फेरहिस्त में
आपके नज़रो से घायल तो पूरी आवाम है साहेब
दिल तो इस नज़र  के इशारे का गुलाम है साहेब

जमाने भर की बदनामी, जिल्लत,  रुसवाईयाँ है
इसमें महफ़िलो में  अक्सर  मिलती तनहाइयां है
जब किया तो ही ये बात मुझको समझ मे आयी
की ये  मोहब्बत के अपने भी बड़े झाम है साहेब
दिल तो इस नज़र  के इशारे का गुलाम है साहेब

ये बाग ये कालियां, सारे के सारे वीराने लगते है
जो मेरे अपने थे वो सारे मुझको बेगाने लगते है
मेरे हँसने रोने की तो बात ही छोड़ दे तू "बावरा"
आपके बिना सांस लेना भी अब हराम है साहेब
दिल तो इस नज़र  के इशारे का गुलाम है साहेब

सारे नज़ारे थम गये है,जो आपने ली अंगड़ाई है
एक नज़र से आपने  चाहत  की  शमा जलाई है
खुशनसीब हूँ  मैं जो आपके साये ने मुझे  छुआ
चाहतों के बदले आपका यही एहसान है साहेब
दिल तो इस नज़र  के इशारे का गुलाम है साहेब

दिल की बात  मुझको  तो बताने ही नही आता
पर कमबख्त ये एहसास  छुपाने भी नही आता
होंठो से कुछ कहने सुनने की हिम्मत ही नही है
मजमून भाँप लो,  दिल मेरा बंद खाम है साहेब
दिल तो इस नज़र  के इशारे का गुलाम है साहेब

जिसे तोड़ा है तुमने ये खिलौना नही मेरा दिल है
झूठे प्यार से इसको  बहलाना थोड़ा  मुश्किल है
कैसे खरीदोगी  तुम इसको, शहर की बाजार में
मेरे इस दिल  का  यहाँ नही कोई दाम है साहेब
इसकी चर्चा यहां गली गली में सरेआम है साहेब

जब  मुफ़्लिशि  के दिन थे कोई मेरे पास न था
तुम तो नही थी सिर्फ एक तुम्हारा एहसास था
आज जो सब मेरे पास है तो कहती हो प्यार है
आपकी इस मोहब्बत को  भी सलाम है साहेब
इसकी चर्चा यहां गली गली में सरेआम है साहेब





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