बाज के बच्चे मुंडेर पर नही उड़ते

हालात बदलते देख रास्ते से नही मुड़ते
मुश्किल हालात में भी  पीछे नही हटते
मत सिखाओ  कैसे जंग  लड़ी जाती है
ये  बाज़ के बच्चे है मुँडेर पर नही उड़ते

जब भी तुमने हथियारो से हमे डराया है
बढ़के इसके आगे हमने सीना लगाया है
फौलादी शेर ऐसे  खिलौनों से नही डरते
ये  बाज़ के बच्चे है मुँडेर पर नही  उड़ते ।

तुम्हारी इस फौज हथियार से डरते नही
आगे बढ़ते कदम कभी पीछे  हटते नही
बुरे बेशक है पर गिरी हरकत नही करते
ये  बाज़ के बच्चे है मुँडेर पर नही  उड़ते

आज तेरे किए हर वार  का  जवाब देंगे
वक़्त आने दे एक एक  का हिसाब लेंगे
तुम्हारी जैसे पीछे छुपके वार नही करते
ये  बाज़ के बच्चे है मुँडेर पर नही  उड़ते

कतरा कतरा लहू का मुल्क पे कुर्बान है
माथे की तिलक इस  पगड़ी की शान है
मत सिखाओ मातृभूमि पर है कैसे मरते 
ये  बाज़ के बच्चे है मुँडेर पर नही  उड़ते

मातृभूमि बस एक माँ हमने ये जाना हैं
तन मन धन से बढ़कर इसको जाना हैं
सौदा जान की कीमत पे भी नही करते
ये  बाज़ के बच्चे है मुँडेर पर नही  उड़ते




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