अपना बनाने आ जाओ
जागकर थक गया हूँ, तुम सुलाने आ जाओ
हँस रहा हूँ अभी तक तुम रुलाने आ जाओ
लौट के अब तुम्हे कभी वापस नही आना है
आज रात छत पे तुम यही बताने आ जाओ
सूने सूने से लगते है यहाँ के बाग बगीचे भी
सर्द सर्द से लगते है हमारे घर के गलीचे भी
तुम्हारे बिन जीना है मुझे कैसे इस जहाँ में
मुझ पगले को तुम हा यही बताने आ जाओ
मेरे घर की दीवारें भी तुम्हारी बात करती है
ये हवा ये फ़िज़ाये भी तुम्हारे साथ चलती है
मतलबी इस दुनिया की समझ नही मुझको
कम से कम मुझको ये समझाने आ जाओ
तुम्हारे दीदार को अब फरिश्ते भी तरसते है
आसमां से तारे भी तुम्हे छूने को बरसते है
सुना है तुम पर खुदा की नीमते बरसती है
इस शफा से मेरी तकदीर बनाने आ जाओ
बड़े किस्से बनाये सबने हमारी मोहब्बत के
बड़े चर्चे थे मेरे तब तुम्हारी उस सोहबत से
सुनकर जिसको जमाना ये बाते बनाता था
फिर वही इश्क़ के किस्से बनाने आ जाओ
जो तुम साथ चलती थी जमाना देखता था
हमारी बाते वो चाय की चुस्की में फेटता था
हमे साथ में देख कर हमेशा जो जलते थे
उस जमाने को तुम फिर जलाने आ जाओ
तुम हीर सी कोमल मैं रांझा सा दीवाना था
तुम फूल सी नाज़ुक मैं भवरें सा मस्ताना था
मिशाल देते है जिनकी ये लोग मोहब्बत में
वो किस्से वो कहानियां दोहराने आ जाओ
तुम्हारी आंखे जैसे समुंदर की मछलियां है
आंखों की ये पलकें गुलाबो की पंखुड़िया है
पी कर जिन्हें मै अक्सर मदहोश रहता था
फिर से लबो का वो जाम पिलाने आ जाओ
आगोश में जिसे लेने को बेचैन हो जाता था
तुम्हारी गोद मे सर रख के मैं सो जाता था
जिस थपकी से आपकी यादों में खोता था
उसी से फिर मेरे सर को सहलाने आ जाओ
खड़ा हूँ मैं वही पर जहां तुम छोड़ गयी थी
मिलालो वो राह हमसे जो तुम मोड़ गयी थी
बिछड़ गये थे जो दोनो कई सालों के पहले
फिर तुम वो बिछड़े दिल मिलाने आ जाओ
आज फिर से मोहब्बत की तमन्ना जागी है
दिल ने फिर खुदा से एक महबूबा मांगी है
चली गयी हो जब से छोड़ कर तुम मुझको
सोया हूँ मै तब से मै तुम जगाने आ जाओ
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