आने की खबर

तुम्हारे आने की खबर से ये गालियां सजा रखा है
रास्ते में बागो की फूल और कलियां सजा रखा है

तुम्हारे दीदार  का  एक  भी लम्हा  ना  छूटे मुझसे
इसलिये दरवाजे पे  अपनी अंखिया बिछा रखा है

एक तुम हो जो शायद मेरा नाम भी भूल गए होंगी
एक मैं हूँ जिसने  तुम्हारे लिए दुनिया भुला रखा है

तुम राह  ये भटक  कर कही और ना चले जाओ
सब  अंधेरी  राहों में तारो की दिया जला रखा है

तुम्हे सुनाई न दे शहर के लोगो के तानों की बोली
इसलिए यहाँ  हर गली में शहनाइयां बजा रखा है

तुम्हारे इज़हार को इकरार का इंतेज़ार न करना हो
इसीलिए मैंने अपनी फिदरत इश्किया बना रखा है

तुम सिर्फ मेरी हो इसका यकीन दिलाने के लिए
जमाने भर में खुदा से भी गवाहियां दिला रखा है

कही  और का  फूल  तुम्हे पसंद न आये, इसलिए
अपना  छोड़  सारे शहर  की बगिया जला रखा है

जिक्र  करने के लिए तेरा  खट्टे मीठे एहसासो में
मेरी ग़ज़ल में तेरे नाम से काफिया मिला रखा है

आना  चाहो तो अब  तुम मेरे घर मे आ सकती है
मैंने सबको सुनाकर तेरी कहानियां, सुला रखा है

तुम्हारी दिल की सौदेबाजी आसान हो इसलिए
हमने भी अपने दिल की बजरिया खुला रखा है

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