दोस्तो ने मार दिया
अजीब अफसाना खुदा ने मेरी नसीब से गुज़ार दिया
मैं दुश्मनों से बच निकला तो मेरे दोस्तो ने मार दिया
मैंने दोस्ती की मिशालें खड़ी दुनिया भर में कर दिया
पर उन्ही दोस्तो ने ही मेरी पीठ में खंजर उतार दिया
जिन बेघरों को अपना समझ हमने आशियाना दिया
मौका आया तो उन्ही ने मुझको घर से निकाल दिया
मेरे अपनो को भी तुमने मेरे कत्ल में आमाल किया
ये दुश्मन-ए-अम्न तुमने भी आज क्या कमाल किया
कुछ इस तरह से यहाँ के जर्रे जर्रे को गुलाल किया
हमने अपने लहू से मोहब्बत के रंग को लाल किया
जिंदगी के हर किरदार से हमने भरपूर खयाल किया
दोस्ती की,दुश्मनी की, जो भी किया बेमिशाल किया
हुस्न वालो की हर गली हमने क्या खूब बवाल किया
ना खुदा के खौफ से डरा ना जमाने का ख्याल किया
इश्क़ मोहब्बत से मैंने अपना रोम रोम निहाल किया
और दिल्लगी से हुस्न वालो का जीना मुहाल किया
इश्कबाजी और आवारगी में हमने भी धमाल किया
ना बिछड़ने का गम किया ना जाने का मलाल किया
टूटे दिल से इश्क़ करने का क्या खूब मिशाल दिया
जो पत्थर ले खड़े थे उन्हें दिल देने का मजाल किया
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