अफसाना छोड़ आये

एक मोड़ एक किस्सा एक  अफसाना छोड़ आये
तुमसे जुड़ा हम अपना हर ताना बाना छोड़ आये

जिस गली में  आप मिलने आये थे आखिरी बार
बस वहीं  कही हम अपना मुस्कुराना  छोड़ आये

जिसके चाहत के किस्से फक्र से तुम  सुनाती थी
पीछे,बड़ा पीछे हम वो पागल दीवाना छोड़ आये

तुम्हारी चाहत ने निकम्मेपन का  वो दौर चलाया
की हम हाथो की लकीरों से टकराना  छोड़ आये

तुम शमा तो हो और ये  चिराग भी साथ लाये हो
पर तुमपे जल के मरने वाला परवाना छोड़ आये

Comments

Popular Posts