जरूरी तो नही

हर एक आमीन में दुआ हो ये जरूरी तो नही
हर एक जख्म  की दवा हो ये जरूरी तो नही

कुछ घर मुझ जैसे  काफिरो के लिये छोड़ दो
यहाँ  घर  घर  मे  खुदा  हो ये जरूरी तो नही

कुछ बाते जुबाँ से कहकर भी बताई जाती है
हर बात  आंखों से बयां हो ये जरूरी तो नही

कुछ के कदम माँ की कसमें भी रोक लेती है
हर एक  लड़की बेवफा हो ये जरूरी तो नही

कुछ आंसू खुशी के भी आंखों से आ जाते है
हर बूंद  किसी से खफा हो ये जरूरी तो नही

क्या कहा वादा किया था तुम्हें हँसाने का मैने
अब वहीं करू जो कहा हो ये जरूरी तो नही

पुराने बाग के नए फूलो की खुशबू लेना सीखो
पहला नाम  दिल से मिटा हो ये जरूरी तो नही

कुछ आग में जलके भी अपना वजूद बनाते है
हर  पेड़  बारिस  में  हरा  हो ये जरूरी तो नही

कुछ तारीफ  बाग  की भवरों की भी कर दो
हर फूल पानी से खिला हो ये जरूरी तो नही


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