आंखे

जुल्फ आंखे होंठ ये  सब शराब जैसे नशीले है
साकी रिन्द पैमाना जाम ये सब बड़े  रँगीले है

जब से तेरे हाथो का जाम मैंने होंठो से चखा है
समुन्दर सफेद हो गया और, बर्फ  सारे नीले है

सख्ती का बड़ा रोब झाड़ा हमने इस दुनिया मे
पर जब तुमने देखा तबसे हम गीले के गीले है

जब पलकें झपकाती हो संभल कर झपकाना
तुम्हारी इन  आंखों  में आशिको  के कबीले हैं

काली जुल्फें  किसी अमावस रात सी घनी  है
और तुम्हारे होंठ किसी आम रस से नशीले है

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