क्या धारदार है

देखकर भी मुझको  अनदेखा करना  गजब  जोरदार है
उसके इग्नोर  करने की  अदा   भी क्या खूब  धारदार है

मैं तो कायल था बस व्हाटसअप नजरअन्दाज  करने से
ये नजर मिलाके भी न मिलाने की कला बड़ी शानदार है

मिलती हो तो कहती हो कि बहुत  मशगूल हो  लाइफ में
पर  दूसरों के चेहरों पे तुम्हारे नाम का कैसा ये निखार है

चोट सिर्फ दिल  पर होती तो कभी  शिकवा  नही  करते
पर इस जिस्म का रोम रोम तुम्हारे घाव का निशानदार है

समझ आता है मुझे ये पतझड़ के मौसम बस मेरे लिए है
और दूसरों के लिए तुम्हारे मौसम में तो बहार ही बहार है

कभी सोचोगी तो सोचना की क्या पाया और क्या खोया
पहले हाथो में तुम्हारे प्यार  था और अब सिर्फ बिसार है

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