मुमकिन है
मुमकिन है जीत मिल जाए पर हार की कहानी कौन लिखेगा
इस किस्मत से जो ठानी है उस रार की कहानी कौन लिखेगा
हम नेस्तनोनाबूत भी हो सकते है हुक्मरानों के खिलाफ होकर
पर फिर सर झुकाने से किये इनकार की कहानी कौन लिखेगा
दरिया के किनारे खड़े होकर लहरों की तारीफे बहुत लिखी है
बीच समुंदर में हिलोरे मरते मजझार की कहानी कौन लिखेगा
जुल्मो सितम की अफसानों से इतिहास के पन्ने भरे लगते है
पर जिसने घुटने टेक है उस सरकार की कहानी कौन लिखेगा
चोरो ने तो मिलकर ये सारी की सारी तिजोरी ही लूट लिया
पर चोरो को भगाने वाले चौकीदार की कहानी कौन लिखेगा
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