खबर नहीं

क्या सोचते हो मुझे तुम्हारी बेवफाई की खबर नही
सच तो ये है कि मुझपे अब इसका कोई असर नही

तुम्हे लगता है की सिर्फ तुम्हे ही मालूम है सब कुछ
सुनो,तुम्हारे कारनामो से हम भी यहाँ  बेखबर नही

हमारे दरिया में आये तो जरा संभल के पैर रखना
हम  एक  तूफान  है  कोई  आती जाती लहर नहीं

ये साथ चलने  वलने की  बाते वाते हमसे ना करो
यहाँ हम  मुकाम है, मंजिल है,  कोई  सफर  नही

मेरी इस खामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना
मुझे बस फिकर है  तुम्हारी,  मेरा कोई  सबर नही

जो बोलने पे आया तो धज्जियाँ उड़ जाएंगी तुम्हारी
या तो फिर सर पे आसमां न होगा या कोई घर नही

माफ ही किया है तुम्हे अब तक आगे भी कर दूंगा
ये बस पुरानी दोस्ती का वास्ता है कोई हजर  नही

Comments

Popular Posts