नाशाद
हज़ारो को तबाह किया अभी कितनो को बर्बाद करोगे
मुस्कुराते हुए मेरे चेहरे को अभी कितना नाशाद करोगे
ना तूने कभी इत्तेहाद किया ना किसी को साद करोगे
फिदरत है बर्बाद करना क्या किसी को आबाद करोगे
रोओगे पछताओगे छुप -छुप कर तुम मुझे याद करोगे
बिरह की तड़पन में पल पल खुद को अफ़राद करोगे
अपने हुस्न के कैदी को जाने कब तुम आज़ाद करोगे
दर्द दिया था दर्द दिया है नही इसे तुम नौशाद करोगे
ये तो वक़्त का फेर है न जाने कब किधर पलट जाए
आज हम रो रहे है मुमकिन है कल तुम फरियाद करोगे
जो हम तुम्हारे नजदीक है तुम कद्र ही नही करते हमारी
ये दावा है मेरा तुम मुझको याद मेरे जाने के बाद करोगे
बेरुखी की आदते तुम्हारी कुछ खास अच्छी नहीं लगती
इसके चर्चे हर जुबाँ पर है किस किस को इनाद करोगे
हमे पता है अपनी महफ़िल में रुसवा बार बार करोगे
मारोगे अपनी मुस्कुराहट से इन नज़रो को सैयाद करोगे
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