चाँद
वो आये है, बाकियों का खैर मकदम खारिज किया जाए।
सुनो महूबब है वो मेरे उनपर फ़ूलों की बारिस किया जाए।।
दिखाते नही मुझको जाने क्यों घूँघट में चेहरा छुपा रखा है
ये चाँद मुंहदिखाई की थोड़ी सी तो सिफारिस किया जाए
फूलों भरे मौसम के मेहमान है वो पतझड़ में चले जाते है
ऐ फूल उनसे कांटो में भी रुकने की गुज़ारिश किया जाए
सुना है मुझको दिया हुआ दिल वो वापस मांगने आये है
दिल के साथ दिए सारे जख्मो को भी वापिस किया जाए
लावारिस पड़े दिख रहे है रास्तो में जाने कितने दिल
सोच रहा हूँ इन सभी को एक एक वारिस दिया जाए
दिल की बात दिल मे दबा लेना अच्छी बात नही लगती
सोचता हूँ इस प्यार की सरेआम नुमाइश किया जाए
मुखड़ा तो यूँ है जैसे टूकड़ा चाँद का फलक से आया हो
अब चाँद से मोहब्बत की थोड़ी आजमाइश किया जाए
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