पागल चाँद
ये पागल चाँद तेरी पनाहों में संभल रहा है
सूरज भी तेरे साये में पल पल ढल रहा है
वक़्त है चुपके से गले लगा लो तुम मुझको
देख लो प्यार करने का मौसम बदल रहा है
आ गया है जो तेरी आगोश में ये दिल मेरा
सारा का सारा जमाना मुझसे जल रहा है
जरा सोच के मेरे संग कदम से कदम मिलाना
मेरे साथ साथ मेरा महबूब भी चल रहा है
जमाना तो पहले से ही नापसन्द कर रहा था
अब खुदा को भी तेरा मेरा साथ खल रहा है
उसके एहसास से मौसम हसीं हो जाते है
देख के उसको ये सूरज भी पिघल रहा है
बिना हा सुने उनकी ये धड़केगा ही नही
दिल तो मेरा शुरू से ही अड़ियल रहा है
फूल भी सारे बागों के तुझसे शरमाते है
तेरा हुस्न सब हूरो के गुरूर मसल रहा है
जब से हुई तेरी इकरारे मोहब्बत मुझसे
बावरा बन मेरा दिल सीने में उछल रहा है
आंखे बंद न होती धड़कन जोर से चलती है
देख कर चेहरे को दिल मेरा फिसल रहा है
ये चाँद तुम अभी आसमान में मत निकलना
देखो अभी छत पर मेरा महबूब टहल रहा है
घूँघट जो हटाया चेहरे से रोशनी बिखर गयी
दीदार से उनके मेरा ये मन भी मचल रहा है
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