वो भुलाने लगे

हमसे प्यार मांगने वाले,आज दूसरो पर लुटाने लगे है
जो याद आते रहे है हमे वो हम हीं को भुलाने लगे है

कल तक जो अनजान बन कर घूमते थे इस शहर  मे
वो अब मुसाफिरों को भी यहाँ का पता बताने लगें है

उन्होंने अब तक जो दीवानापन मुझमें देखा  इश्क़ में
वही आशिकमिजाजी वो बाहर गैरो से जताने लगे है

पहले आप मुझसे मिलने के हज़ारों मौके खोजते  थे
और अब बगीचों में  ना आने के बहाने बनाने लगे  है

मोहब्बत में जो भी  दिया वो तो सिर्फ हमने दिया  है
जब देने की बारी आई तो हमें छोड़ कर जाने लगे  है

आपकी मर्जी है जब चाहा तब मुझको भुला दिया है
पर तुम्हे  भूलने में हमें न जाने कितने  जमाने लगे  है


प्यार इश्क के किस्से जो लोग डूबकर सुना करते  थे
अब वही इसकी हकीकत पर हंगामा बरपाने लगे  है

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