अच्छा नही लगता

ये मौसम और ये हवा की रवानी अच्छी नही लगती 
तुम्हारे बिना हमको कोई कहानी अच्छी नही लगती

जबसे इस बगिया में एक नया फूल खिलते देखा है
तब से ही हमें कोई कली पुरानी अच्छी नही लगती

मोहब्बतों  का इकरार  तो आंखों से ही मज़ा देता है
इसमे बार बार इजहार ए जुबानी अच्छी नही लगती

गुलाबी मौसम में हम जिसको गले लगाकर सोते थे
अब दिल टूटने पर  वही निशानी अच्छी नही लगती

जब से उम्र का पचासवां बसन्त पर किया है हमने
नौजवानों  की उमड़ती  जवानी अच्छी नही लगती


दिल मेरा बस एक उसके ही लिए पागल रहता है
उसके सिवा कोई और दीवानी अच्छी नही लगती

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