काश ये हो जाता
काश ये हो जाता
एक वादा तुम्हारा हर कदम पर साथ चलने का था
सफर कैसा भी हो मोड़ पर मुझसे मिलने का था
दिल की जो झील आज सूखी सूखी नज़र आती है
तुम्हारा वादा इस झील मे फूल बनके खिलने का था
ये तुम्हारी खुशबू आज हर कही क्यों बिखरी हुई है
करारनामा तो सिर्फ हमारे आंगन में महकने का था
शुकर है आसमानी बर्क ने संभाल लिया आज मुझे
वरना अपना इरादा तो आज पूरा बहकने का था
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