हिम्मत मेरी
जितना तुम दे सकते हो उतना दर्द सहने की हिम्मत है
झूठो के शोरगुल में भी हमेशा सच कहने की हिम्मत है
अंगारो में जलने और इन तूफानों में पलने की हिम्मत है
मैं वो मिट्टी हूँ जिसे हर हालात में ढलने की हिम्मत है
समुन्दर सी मुश्किले हो या पर्वत सी हो सारी कठिनाई
मुझमे मुस्किलो के इम्तिहान पार करने की हिम्मत है
तुम क्या तोड़ोगे मेरी हिम्मत को अपने इन हथियारों से
मैं वो दिया हूँ जिसमें तूफानों में भी जलने की हिम्मत है
चाहे अंगारे बिछा दो राहो में या बिछा दो तुम काटें सारे
मुझमे तो अंगारो और कांटो पर भी चलने की हिम्मत है
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