एक रागिनी
किसी फकीर के कश्कोल में रखे खजाने जैसा है
यूँ आपका यहाँ आना, उस खुदा के आने जैसा है
न जाने क्यों लोग कहते है,तुम्हारी आंखे फरेबी है
इनमे डूबना को खुद को जन्नत में डुबाने जैसा है
ये तुम्हारा एहसास मल्हार राग सा मुझे भीगाता है
तुम्हारा नाम लेना तो रागिनी के गुनगुनाने जैसा है
तुम्हे छूआ तो लगा कोई रेशम मेरे हाथो से गुजरी
तुमको बाहों में लेना खुद फूलो में नहाने जैसा है
तुम्हारा सामने आना मुझको एक ख्वाब लगता है
और तुमसे बाते करना परियो से बतियाने जैसा है
कोयल के कूकू से निकली एक रागिनी सी तुम हो
तुम्हारी बाते करना खुशबू हवा में महकाने जैसा है
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