चिरागों की तरह
चिरागो की तरह ही मेरा दिल जलाती हो तुम
अपनी इन हरकतों से नही बाज आती हो तुम
अब क्या करें तुमसे हम तुम्हारा गिला शिकवा
मुझे जब भी सुनती हो बस मुस्कुराती हो तुम
बेतल्लुफ होकर दुनिया से पेश आती हो तुम
बस हमी से नज़रे मिलाने में लजाती हो तुम
मुझको हँसाती हो तुम,मुझको रुलाती हो तुम
दिल जला कर मेरा, मुझे बड़ा सताती हो तुम
जब मुझसे मिलने मिलाने की बात आती है
सिर्फ झूठे वादे और झूठी बातें बनाती हो तुम
दुनिया भर की खुशियों का, ख्याल है तुमको
बस हमारे ही आंखों से अश्क बहाती हो तुम
जलता हूँ मैं की तुम्हारा आशियाना रोशन रहे
उसी अशियाने दूसरो संग घर बसाती हो तुम
Comments
Post a Comment