मेरा पैमाना
पैमाने से जब मेरा जाम छलका तब ये चांद बना
मैखाने के चिराग से रौशन होकर आफताब बना
तू तो अंजाना है तुझे क्या मालूम इसकी कीमत
जो सौ दरिया निचोड़ी तो एक कतरा शराब बना
आकर देखो कितना जलाया है अपना कलेजा
तब जाकर तेरे इन जुल्फो में लगा ये गुलाब बना
हमे मालूम है तेरी इस ताजपोशी की असलियत
हज़ारो बेगुनाहो का लहू बहा कर तू नवाब बना
मैंने जब आहे भरी तो समुन्दर में तूफान आया
और मेरी आंखों से निकलके दरिया सैलाब बना
ऐसे ही नही आशिकी में मेरा ये मुकाम आया है
सौ बार दिल जलाया फिर जाके ये रुआब बना
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