हुनरमंद

सिर्फ कलम ही नही हमे तलवार भी चलाना आता है
जो दुश्मन है उनको उनकी औकात दिखाना आता है

खत के मजमून पर बादशाह को ये लिख भेजना की
हमे हर चमकते सितारे को गर्दिश में डुबाना आता है 

अब भी वक़्त बाकी है अपने कानों को खोल लो तुम
वरना अपनी बात  हमे बहरो को भी सुनाना आता है

ये दुश्मने अम्न अपने हाथों के खंजर पे गुमान न कर
हमे भी तुम्हारे इस  सिर को धड़ से  गिराना आता है

दोस्ती का हाथ बढ़ाया है कि  चैनों सुकूँ पसंद है हमे
वरना हमको भी ये दुश्मनी  बखूबी निभाना आता है

मत सोचो कि दिल की सारी  बातें मेरी जुबान पर है
हमे बेतकल्लुफ हो कर भी हर राज छुपाना आता है

खामोश तो इसलिए हूँ कि तुम बदनाम न हो जाओ
वरना हमें भी बेवफाई का  किस्सा बताना आता  है

चाहे बादशाह हो या सुल्तान  या कोई खलीफा आये
भूखे शेर को इनको  अपना निवाला बनाना आता है

तुम्हारी इस दुश्मनी से तो मैं बस इसलिए बेफिकर हूँ
की वो मोहरा हूँ जिसे हारी बाजी भी जिताना आता है

हाथो में फूल लेके जिंदगियां बचाने का हुनर आता है
और तलवार लेकर मौत की नींद भी सुलाना आता है





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