दुनियां
ये दुनिया है बबुआ जो समझ गए तो कमाल है
जो इसके चक्कर मे पड़े तो बवाल ही बवाल है
जो जाम समझ के पिया तो सब कुछ निहाल है
जिसने मैखाना समझा ये उसके लिए सवाल है
जिसने भी दुनियादारी निभाई वो मालामाल है
जो भी दुनिया की निभाने वो आज कंगाल है
ये जिंदगी जब देती है तब तो माल ही माल है
पर जब ये लेती है बबुआ तो ठन ठन गोपाल है
तो समझ गए न लाला कि ये कितनी कमाल है
तो फिर मुह खोल के बोलो जिंदगी बेमिशाल है
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