आँखों मे नींद कहाँ आएगी

कल जो कानो में उसकी सदा आएगी
फिर  इन  आँखों मे नींद कहाँ आएगी

मैं तो सिर्फ  अपनी आंखे बंद करूँगा
और ये हवाएं उसका नाम सुना जायेंगी

चेहरा देख उसका चाँद भी शरमाता है
उसको देख पारियां भी घबरा जाएंगी

थोड़ा शरमाएगी वो थोड़ा सा घबरायेगी
पर आंखों की चाहत कहाँ छुपा पायेगी

जो सुनना,तो बस उसकी धड़कनो से सुनना
कांपते  होठो  से  वो  कहाँ कुछ बता पाएगी

जो सुनने के लिए मैं बेताब रहा ताउम्र
हौले से वो हाले दिल कल सुना जाएगी

आंखे नशीली अदाएं कातिल,बातों में जादू
उफ्फ ये पगली शहर में दंगा कराएगी





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