परी

क्या कहें उसको की वो क्या है मेरे लिये
उसका आना खुदा की दुआ है मेरे लिए
उसे देख आसमान को भी झुकना पड़ता है
ये चाँद उसके खूबसूरत चेहरे पर मरता है
सूरज उसकी आंखों की चमक से डरता है


हवाएं उसके साथ चलने की ख्वाहिश में है
बादल बरस कर उसे छूने की कोसिस में है
उनका एक इशारा फूलो को खिला देता है
मौसमो का बदलना उनकी नवाजिश में है
पारियों सा मुखड़ा वो गुलाब सा खिलता है
ये चाँद उसके खूबसूरत चेहरे पर मरता है
सूरज उसकी आंखों की चमक से डरता है


जमाना जनता है क्या है आँखों की जादूगरी
सारा शहर घायल है इनसे ऐसी है बाजीगरी
जो पागल बने फरिश्ते घूम रहे है जमीन पर
ये सारी है तुम्हारे इक मुस्कान की कारीगरी
एक नज़र को खुदा भी सिफारिश करता है
ये चाँद उसके खूबसूरत चेहरे पर मरता है
सूरज उसकी आंखों की चमक से डरता है


जब वो चलती है तो जमीं खिलखिलाती है
उसके हँसने से सारी कालियां मुस्कुराती है
उसका आने से सूखे बाग भी खिल जाते है
होंठ देख ये गुलाबी पंखुड़िया भी लजाती है
उसके इशारे पर रास्तो को  मुड़ना पड़ता है
ये चाँद उसके खूबसूरत चेहरे पर मरता है
सूरज उसकी आंखों की चमक से डरता है




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