बहुत खूबसूरत है मेरा सनम

आँखे है तेरी जैसे है एक नशा
तेरे जैसा कोई भी नही है दिखा
देखा तुझे जो वो भरता है दम
बहुत खूबसूरत है मेरा सनम
खुदा ऐसे मुखड़े बनाता है कम


मेरे पहलू में तू यूं ही बैठी रहे
मैं कहता रहूँ और तू सुनती रहे
खूबसूरत तुझसा तो देखा ही नही
बाहों में होगी मेरे ये सोचा ही नही
आहट से  सूरज भी जाता है थम
बहुत खूबसूरत है मेरा सनम
खुदा ऐसे मुखड़े बनाता है कम


हसीन है तू कितनी कैसे मैं कहूँ
बनके एक झोंका संग तेरे मैं बहूँ
तेरे बिन दिल ये कही लगता ही नही
ख़ामोशा है ये कब से धड़का ही नही
तराशे मरमरी सा है तेरा बदन
बहुत खूबसूरत है मेरा सनम
खुदा ऐसे मुखड़े बनाता है कम









Comments

Popular Posts