जरूरी तो नही

उनकी मोहब्बत में फनाह हो जाये जरूरी तो नही
इश्क़ में मुझसे भी गुनाह हो जाये जरूरी तो नही
इसमें जो डूबे तो निकल कर मशहूर हो गए हम
अब सभी प्यार में तबाह हो जाये जरूरी तो नही

इश्क़ में कुछ डूबे तो कुछ तेरी गली के फकीर बने 
मेरे जैसा हर कोई शहंशाह हो जाये जरूरी तो नही


इस रास्ते पर चले तो मंजिल तक पहुच जाओगे
हर कोई प्यार में गुमराह हो जाये जरूरी तो नही


जुदाई और आंसूओ का हमने हाल ही नही जाना
सबको मोहब्बत बेपनाह हो जाये जरूरी तो नही


कहाँ छुपाओगे ये दामन पर लगे मेरे खून के धब्बे
हर बार कातिल बेगुनाह हो जाये जरूरी तो नही


जो अंधेरे में हाथ पकड़ा है तो ऐसे ही पकड़े रहो
अब हर रात की सुबह हो जाये जरूरी तो नही




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