एक चांद की तलाश में हूँ
ना सुकून, ना किसी ख़्वाब की तलाश में हूँ
अंधेरो के शहर में बस एक चांद की तलाश में हूँ
दिल धड़का इजहारे मोहब्बत में कुछ ऐसा
की आज तक मैं उनके जवाब की तलाश में हूँ
वो जो तख्तो ताज लेकर आये है मेरे लिए
उनसे कहो वक़्त लेके आये,मैं अभी गिलास में हूँ
एक दफा उनसे नज़रें भी मिलाई था हमने
ऐसा डूबा कि, मैं अभी तक उस चनाब में हूँ
रिन्दों पे बहकने का इल्जाम लगाने वाले सुनो
जब से मैंने पी है तभी से होश-वो-हवाश में हूँ
औरो ने बदले होंगे मैंखानो पर मैंखाने इलाही
देखो मैं अभी भी पहली ही वाली गिलास में हूँ
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