खला मैने सुबह शाम ले लिया
जिक्र ए अखबार का सामान ले लिया
एक खला मैने सुबह शाम ले लिया
सबने पूछा मुझसे जिंदगी का मतलब
और मैने बस तुम्हारा नाम ले लिया
अर्जी लगाई थी दिल में जगह की
पर उसने तीमारदारी का काम दे दिया
वादा था उन्हें कॉल न करने का इलाही
निभाने में मैने मौत ए अंजाम ले लिया
ना कोई तरक्की है ना याद से फुरसत,मैंने
इश्क़ में दफ्तर में ये कैसा काम ले लिया
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