आशियाना बना कर देख

इस खाली  मकान को  थोड़ा सजा  कर तो देख
मेरे दिल मे फिर से आशियाना बना कर तो देख

ये जो तुझसे गिले  शिकवे है, सारे दूर हो जाएंगे
सिर्फ  एक बार  तू मुझको मुस्कुरा  कर तो देख

कौन कहता है कि ये  मोहब्बत दुबारा नही होती
तू इस टूटे दिल को फिर से आजमा कर तो देख

तू अपनी सारी  हारी हुई  बाजियां जीत जाएगा
बस  तू  मुझको  दाव  पर  लगा  कर   तो  देख

मुझको काँटो पर भी सुकूँ भरी नींद आ जायेगी
बस  अपनी गोद मे तू इनको बिछा कर तो देख

वैसे तो काफिर हूं फिर भी तुझे खुदा  बना लूंगा
बस अपनी मोहब्बत तू मुझपे  लुटा कर तो देख





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