जादू टोना
कुछ तो जादू टोना उसकी नज़र में है
जो भी डूबा आजतक उसी भवंर में है
बारिस तब से ज्यादा ही मेहरबान है
जब से पता चला वो इसी शहर में है
जिससे भी उसने अपनी नज़र मिलाई
वो आजतक अखबारों की खबर में है
देखके मुस्कुराना चाहत थी या शरारत
हर कोई अभी तलक इसी अधर में है
जो जाते हुए उसका पता भी न पूछा
अब क्या सोचना वो किस शहर में है
आबे जम जम में भी वो मज़ा कहाँ
जो उसके हाथो से दिए जहर में है
पुराना हो भी जाये तो इसे न तोड़ना
मां के यादों का पिटारा इसी घर मे है
जो महफूज़ था ग़ालिब मीर के हाँथो में
वही हुनर आज मिट्टी वाले मुन्तज़र में है
Comments
Post a Comment