तू ही चाहत तू ही मोहब्बत

तू  ही  चाहत  तू   ही  मोहब्बत 
तुझसे मिलती  दिल  को  राहत
मेरी    खुशियां,   मेरी    दुनियां
तुझसे    ही    है   मेरी    दौलत




मैं इस इश्क़ में जोगन बनी
राधा   बनी    मोहन   बनी
लगन जो  लगी तुझसे मेरी
बगवां  तू  मैं  गुलशन बनी
हर तरफ़ है तेरा, हा बस  तेरा ही  सुरूर
बहक जाऊँ जो मै तो ये नही मेरा कुसूर
गर दे  इज़ाज़त  तो  पास  आऊँ मै
बनके साया यूँ तुझसे  लग जाऊँ मै
तुझसे है मेरे सपने तुझसे  ही है मेरी हकीकत
तू  ही  चाहत  तू   ही  मोहब्बत 
तुझसे मिलती  दिल  को  राहत




दिल की है ये मेरे ख्वाहिश
होती  रहे  ऐसे  ही  बारिस
रातें  है  सब  सर्द  से  भरी
ये है  मौसम  की  साजिश
जला रहे है अब मुझको बारिस के अंगारे
सिमट रहे  तुझमे  ये  कुछ  करके  इशारे
तू सुन जरा क्या कह रहे है ये बादल
तू रुक यहाँ बन गए है ये तेरे आँचल
बनके बारिस मुझपे बरसे तू इतनी है हशरत
तू  ही  चाहत  तू   ही  मोहब्बत 
तुझसे मिलती  दिल  को  राहत
मेरी    खुशियां,   मेरी    दुनियां
तुझसे    ही    है   मेरी    दौलत



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