मोटू गणेशा
शिखर कैलाश पर मस्ती मचाये छोटू गणेशा
थोड़ा गोल उदर वाला है थोड़ा मोटू गणेशा
दोनो हाथों से जी भर कर ये मोदक खाये
माता पार्वती के ये तनिक भी हाथ ना आये
जय हो जय हो गजानन महाराज जय हो मुक्तिदायी
जय हो जय हो उमा के लाल जय हो मंगलदायी
नटखट गजानन है आंख के तारे
शिव उमा के लल्ला सबसे प्यारे
मटक मटक कर है वो नाच रहे
डमडम डम डमरु जब भी बाजे
अतिप्रिय है नंदी चाचू, संग खेले जिसके छुपम छुपाई
जय हो जय हो उमा के लाल जय हो मंगलदायी
पैरो की पैजनिया छम छम बाज रही
शिव शम्भू संग माँ उमा भी नाच रही
साथ ही नाचे है इनके मूसक सवारी
झूम रही है धुन पर इनके सृष्टि सारी
बहुत लुभाता इनको मोदक,गुपचुप जिसको है खाये
जय हो जय हो उमा के लाल जय हो मंगलदायी
पकड़ पकड़ कर माँ गौरा हारी
भाग निकलते कर मूसक सवारी
कार्तिकेय, नंदी किसी के साथ न आते
तंग करते सबको जरा भी बाज न आते
मूसक वुसक सब झूमें है,संग गणों को भी खूब नचाये
जय हो जय हो उमा के लाल जय हो मंगलदायी
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