शराबी है हम
शराबी शराबी हा शराबी है हम, शराबी शराबी हा शराबी है हम
पीते है जो इसको तो मिटते है गम,शराबी शराबी हा शराबी है हम
तुम्हे है शिकायत की हम है शराबी,जो पीते है अपनी तो क्या है खराबी
नही है खबर भी जमाने को भूले, फूलों पे चले हम हवाओ में झूले
वो रिन्दों की आहें,वो शाकी की बाहें, वो जामो का लड़ना, गुलाबी पनाहे
पीता रहू ऐसे ही मैं जनम के जनम, शराबी शराबी हा शराबी है हम
होठो से लगाये इसको जो पी लें, बागों में जागे हम तारो में सो लें
आँखे जो मुँन्दू हवाओ में खोऊ, ख्वाबो के फूलों से खुशियां पिरोऊ
लडखडाते ही रहते है मेरे कदम, शराबी शराबी हा शराबी है हम
आंखों में छाए सुरूरो के बादल, सुरूरो में इसके है बसते ग़ज़ल
ग़ज़लों में बसते है मैखाने सारे, मैखाने भरते है ये पैमाने सारे
कतरे कतरे पर इसके निकले है दम,शराबी शराबी हा शराबी है हम
नही है मुझे भी किसी की जरूरत, ये मेरा सनम है ये है मेरी मोहब्बत
ये पैमाना ही है अब मेरी तो शाकी, होंठो पे जो आये फिर रहे न ये बाकी
नही है इसके सा कोई गुलबदन, शराबी शराबी हा शराबी है हम
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