तुम्हे देखने का गुनाह कर लें
गर हो इज़ाज़त तो ये इब्तिदा ए ख़ता कर लें
एक बार फिर से तुम्हे देखने का गुनाह कर लें
क्या हो जो वो मेरी आँखों में झांकें यकायक
हम धड़कन संभाले या खुद को तबाह कर लें
सजदे में बैठा हूँ, मेरी तस्बीह तो बता इलाही
गुनाहों की तौबा करे या उनके लिए दुआ कर लें
कोई सबब न पूछना मुझसे मेरी काफिरी का
मुमकिन है कि अब हम उन्हें अपना खुदा कर लें
ले हाज़िर है मुक़द्दस आग तेरी ख्वाहिश पर
इससे जमाने को जलाये,या खुद को शफा कर लें
जो उनसे नज़र मिले तो यही आरज़ू मांगना
खुदा, बावरें को तू उनकी आंखों में फना कर दे
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