कौन है जो दिल मे आया है
ये कौन है जो मेरे दिल मे यूँ दबे पांव आया है,
लगा बरसो तलक धूप के बाद छाव आया है।
अब कोई संभालो इस बदहवास सौदागर को,
शहर में सब लुटाने के बाद ये गाँव आया है।
ग़मो ने अपनी आगोश में पहले ही डूबा दिया,
मेरे मांझी तू बहुत देर में अपनी नाव लाया है।
दरिया से कह दो जरा हमे भी तो रास्ता दे दे,
हमारी रगों में उससे ज्यादा बहाव आया है।
मेरे अपने पराये,और पराये अपने लगने लगे है
खुदा ही जाने रिश्ते में ये कैसा घुमाव आया है।
बड़े नरम मिजाजी में नज़र आ रहे हो साहेब,
लग रहा है की दिल्ली में चुनाव आया है।
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