जिनको अपना कहा
जिनको अपना कहता था वो सारे बेगाने निकले,
मेरे सारे ख्वाब हक़ीकत में बस अफसाने निकले।
उनकी यादों में हमने खुद को भी फना कर दिया,
और वो लोग हमारे नाम से भी अनजाने निकले।
हर किसी से वफ़ा निभाने की कसमे ले लेते है,
ये जफ़ा करने वाले तो बड़े ही सयाने निकले।
एक आस बस खुदा से थी हमे इंसाफ पाने की,
पर मेरे खुदा के लोग भी इन्ही के दीवाने निकले।
तमाम उम्र जिन्होंने काटी तन्हाइयो के अंधेरे में
वो भी आज महफिलों की बातें बताने निकले।
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