हर्फ़ ए दिल
हर्फ़ ए दिल को मेरे अब बस खामोशियाँ दे दी,
तुमने न जाने हमे कैसी कैसी बीमारियाँ दे दी।
हम एक सुकून की तलाश में तेरे पास आये थे,
और तुमने हमे झोली भर के बेचैनियां दे दी।
इस मरीजे इश्क को तुमने कैसी दवाइया दे दी,
रोग था शुगर का तूने इलाज मे मिठाइयां दे दी।
शहर के लोगो को मैंने भी कुछ निशानियां दे दी,
आंखों में नफरत और जुबान पे कहानियां दे दी।
जब तक नासमझ थे बड़े सुकून से जीता रहा,
सब समझने की आदत ने नई परेशानियां दे दी।
सुना है रकीब की पसंदगी का बहुत खयाल है,
चलो बेवफाई ने तुम्हे कुछ तो जिम्मेदारियां दे दी।
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