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Showing posts from November, 2021

तेरा साथ ना हो फिर भी मुझको चलना आता है

नाशाद

ये किस गली में रुके है कदम

सुकून

तेरा कंगना

कर्ण व्यथा

बात कोई भी हो

दावेदारी

शराबी है हम

वो बुद्धू