ताकत
हार तो तब मिलेगी जब खुद हार माना जायेगा
रास्ते मुश्किल होंगे फिर भी रार तो ठाना जाएगा
मिटा सकते है विधि का लिखा इन हथेलियों से
विजयी पताका फहराने में तेरा नाम जाना जाएगा
संघर्ष दिखाता है अबकी सीने में आग कितनी है
जुड़ रहे हौसलों में जीत जाने की लाग कितनी है
रुक रुक कर ही सही ये कदम चल तो दिए ही है
देखें तो जीतें सुरों में कोसिस की राग कितनी है
कोसिसे तो फिर से की ही जाएंगी भले मात खाये
हिम्मत को कसौटी पर कसेंगे जो भी हालात आये
क्या अंधेरा क्या उजाला ,सभी पर विजय पाना है
मंजिल तो तय होगी,या शोले गिरें या बरसात आये
जुबान का तो नही बाजुओं का ही जोर दिखाना है
बढ़ आगे कठिनाई संग, युद्ध का बिगुल बजाना है
कब तक खामोश रहें,कब तक हम ये सन्नाटा पाले।
सुना नही जो अब तक, जीत का वो शोर मचाना है
चींटी ने कब हिम्मत हारी,कब पर्वत ने भी झुकना सीखा तूफ़ान कब स्थिर रहता, कब लहरों ने भी रुकना सीखा
चाहे सौ मुश्किल आये राह में,चाहे कोई सौ चोटे पहुचाये
किरणे कब राह से भागी, कब रास्तो ने भी हटना सीखा
अगर इरादे मजबूत हो तो जीतने से कौन रोक पायेगा
सीना जो हो फौलादी तो दुश्मन का वार बेकार जाएगा
कमजोरो मजलूमो से नही किया करते कभी भी दुश्मनी
तुम्हारे दुश्मन की औकात ही तुम्हारी औकात बताएगा
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