मोहब्बत एक तरफ
उसकी आंखों, उसकी बातों से मोहब्बत एक तरफ
उसकी यादों , उसके वादों की चाहत एक तरफ
ये कंगन,ये झुमके, ये बिंदिया,ये बाली, ये तो है ही
पर उसके खुले खुले बालों से उल्फत एक तरफ
बातें बातें, सपनो वपनो की ख्वाहिश है एक तरफ
पर उनके दीदार से मिलने वाली राहत एक तरफ
कोई बताए दीवान ए हुस्न में किसकी शान लिखूं
उसकी सूरत एक तरफ, उसकी सीरत एक तरफ।
साज,मौसिकी,साजिंदों के ख़्वाब सारे एक तरफ,
और उसके पाजेब की आती खनक एक तरफ।
अंदाजा क्या लगाए, जब वो आए थे महफिल में
सबकी धड़कन एक तरफ, मेरी हालत एक तरफ

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