किताब दिया जाए
चलो अब खामोश हो कर ही कुछ जवाब दिया जाए
बंदूक वाले हर हाथ को एक एक किताब दिया जाए
कांटो के बाजार में सौदा कर कर के थक गया बवारे
क्यों ना दुश्मनों को मुफत में कुछ गुलाब दिया जाए
सब भाईयो की खुशीयां एक ही आंगन में मनती रहे
अबकी घर के बंटवारे में कुछ ऐसा हिसाब किया जाए
तुम्हारे अपने भी धोखा देने की साजिशे रचने लगें
खुद की शख़्सियत को इतना कामयाब किया जाए
दूसरो की जीत से ज्यादा तेरे हार के चर्चे हो इलाही
जंग ए मैदान में टक्कर इतना लाजवाब दिया जाए
सबके झूठे नकाब एक पल में उतर जायेंगे इलाही
बस सबके हाथ में दो चार पैमाना शराब दिया जाए
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