इल्ज़ाम रहेगा
ता उम्र तिरे नाम पे अब ये इल्जाम रहेगा
मेरी अफसुर्दगी में बस तेरा ही नाम रहेगा
जिसके साथ बसाना है शौक से घर बसा
घर मे तू होगा पर बाहर मिरा नाम रहेगा
एक चिंगारी से अब तो मेरा ये घर जला दे
मुझ गरीब पर तेरा ये बड़ा एहसान रहेगा
बेशक मेरी गज़ले बहुत मशहूर कर दे तुझे
पर ये मुसव्विर तो हमेशा गुमनाम रहेगा
जब दुनिया ठुकरा दे तो लौट आना मेरे पास
मेरा पता शहर ए ख़ामोशा का मकान रहेगा
रकीब उसको अपनी बाहों में लेके इतरा मत
आज जो मेरा है कल वो तेरा अंजाम रहेगा
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