वीरता का अभिनंदन है ये

वीरता का अभिनन्दन है ये,
विकराल हृदय स्पंदन है ये।
चढ़ आया दुश्मन के सीने पर
विजय रथ सवार रघुनंदन है ये

आंखे दिखा कर बढ़ आया,
हौसलो पर सवार चढ़ आया।
भेद दुश्मन का गढ़ आया
वतन शौर्यता का वंदन है ये
वीरता का अभिनन्दन है ये,
विकराल हृदय स्पंदन है ये।

सीना ताने पाक के सामने खड़ा रहा,
एफ 16 के आगे , मिग 21 संग अड़ा रहा।
गिरा उसको ,माँ भारती का गौरव बढ़ा रहा,
काल का एक नया मंडन है ये
वीरता का अभिनन्दन है ये,
विकराल हृदय स्पंदन है ये।

चेहरे पर विजय लालिमा चमक रही
देश भक्ति उजागर हृदय से फफक रही।
खुशबू शौर्य बलिदानी की महक रही
विजय ललाट,तिलक लगा चंदन है ये।
वीरता का अभिनन्दन है ये,
विकराल हृदय स्पंदन है ये।

दिखा कर जिगर अपना,उसे डरा दिया,
गुरुर भरा बड़ा सर उसका गिरा दिया।
आसमान से आकर, खाक में मिला दिया।
रहा निडर, दुश्मनों का काल भंजन है ये
वीरता का अभिनन्दन है ये,
विकराल हृदय स्पंदन है ये।
चढ़ आया दुश्मन के सीने पर
विजय रथ सवार रघुनंदन है ये

बृजेश यदुवंशी

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