Skip to main content

Posts

Featured

पर दिल ने कुछ सुना है।

शायद मिरा  नाम लिया है, या भेजी कोई दुआ है, कोई सदा तो नही आयी, पर दिल ने कुछ सुना है। तुम्हारा चलना तो  यूँ मुसलसल ही लगा रहता है धड़कनो अभी तो थम जाओ, उसने कुछ कहा है। कैसे बुला लूं इनको फलक से जमीन पर इलाही मेरे महबूब को इन्ही चांद तारों मे रहने का गुमां है। जिसे पाया नहीं, फिर भी हर जगह मुझे मिला है वो सिर्फ लड़की नही, वो मेरा इश्क़, मेरा खुदा है। मुझे दोजख, जन्नत कि अब परवाह नही इलाही उसके इश्क़ को मैने इबादत ए खुदा सा जिया है। न कसमे, न वादे, ना उसने, ना मैने कुछ कहा है फिर भी उसकी आँखों पे मैने "अंजूरी" लिखा है। सुन लिया वो अल्फ़ाज़ जो लबों तक आ न सके मेरी आँखों ने उसकी आँखों को कुछ ऐसे पढ़ा है।

Latest posts

उसको, उसके जैसा लिखने का हुनर पाऊं कैसे

हवा आज तुम उसकी खुशबू लिए बह रही हो क्या

तेरी यादों के गहने

मोहब्बत का भरम रख लेना

मेरी औकात क्या है

कोई कहानी लिख दे

इबादत नही करना।

ऐतबार

तेरी कुरवत

फूलों की शाल