मेरे कुछ फूल उसने अपने दिल मे भी बोया था

अपनी आंखों के मैकदे में उसने मुझे डुबोया था
मेरे कुछ  फूल उसने अपने दिल मे भी बोया था

झूठ है कि आसमान वाले जमीन पर नही आते
कल एक चाँद मेरे कंधे पे  सर रख के सोया था

कही टूट कर मैं बिखर ना जाऊँ दुनियादारी में
मोती सा उसने  मुझे अपने  गले में पिरोया था

मैने भी उसकी आँखों मे झांकने की गुस्ताखी की
मैं  भी  उस  भूल  भुलैया  में  कही  खोया था

जब जहाँ मशरूफ था दुनियादारी निभाने में
मैं माहिर  खिलाड़ी उसकी गोद मे सोया था


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