एक तेरी खूशबू आये
मिरे पैरहन के जर्रे जर्रे से एक तेरी खूशबू आये
आंखों में तू दिखती रहे, बस इतना सा जादू आये
यही एक नेमत मैंने चाही है तस्बीह में बैठ कर
मैं दुआ मांगू खुदा से,और उसे पूरी करने तू आये
दरिया ने भी अपनी प्यास जी भर के बुझाई थी
तेरे जाने के बाद मेरी आँखों से इतने आंशू आये
अमावस भी पूनम की रात नज़र आने लगेगी
बस अपना नूर लिए मेरे आंगन में वो जूगनू आये
सजदे में ये मेरा सिर झुका ही रहेगा मुरशिद
चाहे घर मेरे वो खुदा आये या फिर तू आये
शाम का वक़्त है, नशे में रहना जरूरी है इलाही
अब या तू आज जाए या तेरी याद लिए दारू आये
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