कलेजा भी पत्थर का चाहिए दिल लगाने के लिए
मुद्दतो का इंतेज़ार चाहिए एक हर्फ़ सुनाने के लिए
कुछ उनसे कहने के लिए,कुछ अपनी बताने के लिए
सिर्फ बाजी हाथ मे रहने से जीत मुमकिन नही
कलेजा भी पत्थर का चाहिए दिल लगाने के लिए
सारी उम्र जिनके ख्वाब ने हमे जगाये रखा इलाही
आज वही आये शहर ए ख़ामोशा में सुलाने के लिए
रुशवाई ,जिल्लत,तौहीन,फ़ज़ीहत,दुर्गत, हैरत
और जाने क्या क्या झेला,एक प्यार जताने के लिए
जब सुखनवारी ने नवाज़ दिया हमे शोहरतों से
तब लौट आये हो तुम हमारा साथ निभाने के लिए
Comments
Post a Comment